आज फिर एक बार जिन्दगी को, बहुत करीब से देखा है । कितनी मासूम है, कितनी अनजान है, जैसे बेजुबान है। आज फिर एक बार जिन्दगी को, करीब से देखा है ।। ये तो जानती भी नही, कि अब कितना जिऊगी, …
आज फिर एक बार जिन्दगी को, बहुत करीब से देखा है । कितनी मासूम है, कितनी अनजान है, जैसे बेजुबान है। आज फिर एक बार जिन्दगी को, करीब से देखा है ।। ये तो जानती भी नही, कि अब कितना जिऊगी, …